Sneeze During Sleep:- प्रतिक्रिया देना मनुष्य का स्वभाव है फिर चाहे वो शारीरिक हो या व्यवहारिक. छींक आना एक शारीरिक प्रतिक्रिया है. विज्ञान के अनुसार छींक आने के कई कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि इसकी मुख्य वज़ह क्या है.
हमारी नाक के अंदर के हिस्से में बहुत ही संवेदनशील परत होती है. जैसे ही कोई बाहरी कण या तेज हवा उस परत तक पहुँचती है. वैसे ही हमारा तंत्रिका तंत्र ऐक्टिव हो जाता है और नाक में अजीब सी सरसराहट मेहसूस होने लगती है. ऐसा होने पर हमारी नर्व सेल्स दिमाग को तुरंत संदेश भेजती हैं.
दिमाग ये संदेश मिलते ही चेहरे, छाती, गले और मांस पेशियों को ऐक्टिव कर देता है जिसकी वज़ह से एक तेज हवा तूफान की तरह अचानक से नाक द्वारा हमारे शरीर के बाहर निकलती है और अपने साथ उन कणों को भी बाहर ले आती है जिसे आम भाषा में छींक कहा जाता है.
जानिए क्या है “अटोनिया”
जब हम नींद के दूसरे फेज यानि गहरी नींद में सोये हुए होते हैं तब हमारी नर्व सेल्स कुछ संवेदनाओं के लिए उतनी ऐक्टिव नहीं होती क्यूंकि सोते समय हमारा दिमाग हर तरीके के संदेश का आदान प्रदान नहीं करता जिसमें नाक में मेहसूस होने वाली सरसराहट भी शामिल है. इस प्रक्रिया को “अटोनिया” भी कह्ते हैं. नींद में हमारा दिमाग कोई संदेश नहीं देता जिसके फलस्वरूप कोई प्रतिक्रिया नहीं होती और छींक नहीं आती. परंतु अगर परेशानी ज्यादा है तो पहले हमारी नींद टूटती है फिर छींक आती है.

छींक आने का मुख्य कारण ( Sneeze During Sleep )
जब हम नींद के पहले फेज यानि हल्की नींद में होते हैं तब कभी कभी छींक आ सकती है जो ज्यादातर हमारे बेडरूम में जमे धूल के कणों की वज़ह से आती है.

ऐसे में कोशिश करें कि आपका बेडरूम साफ़ रहे. समय समय पर निश्चित अन्तराल के बाद बेडशीट बदली जाए, कोशिश ये करें कि सोने से पहले नहा लें जिससे धूल का कोई भी कण आपके शरीर से ना चिपके क्यूंकि यही धूल के कण रात में छींक आने की मुख्य वज़ह बनते हैं.
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