सनी देओल फिल्म इंडस्ट्री के सबसे फेमस अभिनेताओं में से एक हैं. इस एक्टर ने साल 1983 में बेताब फिल्म से डेब्यू किया था. जिसके बाद से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक से बढ़कर एक कई सुपरहिट फ़िल्में की हैं. सनी देओल अपने करियर के दौरान जबरदस्त एक्शन और डायलॉग डिलीवरी के लिए मशहूर रहे हैं. उनके द्वारा कहें गए एक-एक डायलॉग सुनकर फैन्स ख़ुशी से उछल पड़ते हैं. आज इस लेख में हम सनी के कुछ फेमस डायलॉग के बारे में जानेगे.
ग़दर के डायलॉग से पाकिस्तान को लगी मिर्ची

सनी देओल के सभी फिल्मों के डायलॉग फैन्स को काफी पसंद आए हैं लेकिन ग़दर फिल्म में उनके कुछ ऐसे डायलॉग थे. जिससे पाकिस्तानियों को मिर्ची लग गई थी. चलिए जानते हैं कौनसे हैं वो डायलॉग…
i) हिन्दुस्तान जिंदाबाद था हैं और हमेशा जिंदाबाद रहेगा.
ii) बरसात से बचने की हैसियत नहीं और गोला बारी कि बात करते हैं. गदर में सनी देओल की बेटे का किरदार निभाने वाले अब दिखते हैं कुछ ऐसे, तस्वीरों में लग रहे हैं बड़े स्मार्ट
iii) बाप-बाप होता है बेटा बेटा होता है. मतलब! तुम्हारा पाकिस्तान निकला तो हिंदुस्तान से ही है.
iv) अगर मैं अपनी बीवी बच्चों के लिए सिर झुका सकता हूं तो सबके सिर काट भी सकता हूं.
दामिनी फिल्म का डायलॉग
सनी देओल की दामिनी फिल्म भी सुपरहिट रही थी. इस फिल्म में उन्होंने एक वकील का किरदार निभाया था. इस फिल्म में उनका मशहूर डायलॉग था ‘ये ढाई किलो का हाथ है, जब पड़ता है तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है.’
घातक फिल्म का डायलॉग
सनी देओल कि घातक फिल्म भी 90 के दशक की सबसे हिट फिल्मों में से एक रही हैं. इस फिल्म के डायलॉग भी अक्सर फैन्स की जुबान पर आते रहते हैं. इस फिल्म का सबसे फेमस डायलॉग हैं, ‘सातों के सात को मारूंगा, एक साथ मारूंगा.’