आज हम आपको 60 के दशक का एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जब राजकपूर, अशोक कुमार से इस कदर खफा हो गए कि उन्हें कभी माफ नहीं किया. ये किस्सा उनकी बेटी ने एक इंटरव्यू में बताया था. जानकारी के लिए बता दें कि अशोक कुमार ने 60 दशक से भी ज्यादा लंबे समय तक फिल्मों में काम किया था. अशोक कुमार फिल्म जगत में दादामुनी के नाम से मशहूर थे. इनका नाम की गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है.
पिता चाहते थे वकील बने बेटा
अशोक कुमार के पिता एक वकील थे और वह चाहते थे कि उनका बेटा भी वकील ही बने. लेकिन लॉ कॉलेज में वह फैल हो गए. डांट से बचने के लिए वह अपनी बहिन के यहां चले गए. इनके जीजाजी एक जाने माने फिल्ममेकर थे और बॉम्बे टॉकीज में काम किया करते थे. अशोक कुमार ने अपने जीजाजी की मदद से एक नौकरी करने लगे. और वह लैब असिस्टेंट बन गए.
पहली फिल्म से ही चल पड़ी अशोक कुमार की गाड़ी
1936 में इनकी पहली फिल्म आई जिसने कई दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया. ‘जीवन नैय्या’ नाम की इस फिल्म में अशोक कुमार लीड रोल में थे. कुछ फ़िल्मों में इन्होंने नेगेटिव किरदार निभाए. ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘बंदिनी’, ‘मिली’ और ‘खूबसूरत’ जैसी फिल्मों को काफी सराहा गया. अशोक कुमार ने मधुबाला से लेकर देविका रानी तक सभी के साथ पर्दे पर रोमांस किया. अशोक कुमार का जलवा इतना था कि लोग उनकी एक झलक को पागल हो जाते थे.
अशोक कुमार की बेटी ने सुनाया एक किस्सा
अशोक कुमार की बड़ी बेटी भारती जाफरी ने एक किस्सा साझा किया. भारती ने कहा था, ‘शादी में पापा थे। वो जब राज कपूर और कृष्णा जी को बधाई देने स्टेज पर गए तो उन्हें देखते ही कृष्णा जी ने अपना घूंघट उठा दिया. राज कपूर इस बात से नाराज हो गए कि उनकी ही शादी में उनसे ज्यादा ध्यान अशोक कुमार पर दिया जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि अशोक कुमार का 2001 में 90 साल की उम्र में निधन हो गया. वह एक उम्दा एक्टर ही नहीं, बल्कि सिंगर और पेंटर भी थे. बताया जाता है कि अशोक कुमार ने होमियोपैथी की डिग्री भी पूरी की थी.
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