अगर भारत के इतिहास पर नजर डालें तो मुगल साम्राज्य एक तरह से इतिहास का स्वर्ण काल रहा था. अकबर और कोई नहीं बल्कि तैमूर वंशावली के मुगल वंश का शासक था और मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर का पोता था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इतिहास में अकबर को मुगल काल का सबसे महान शासक माना गया है. अकबर के पिता का नाम नसीरुद्दीन हिमायू और माता का नाम हमीदा बानो था.
अगर लोकप्रियता की दृष्टि से देखा जाए तो अकबर ने अपनी प्रजा के लिए काफी कुछ किया था. भारत के राजनीतिक इतिहास में कोई भी ऐसा सम्राट नहीं है जिसकी तुलना अकबर से की जा सके. अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था. अकबर तैमूर वंशावली का सबसे महान राजा था. लेकिन अगर मौर्य वंश में देखा जाए तो उनकी तुलना महान शासक सम्राट अशोक से की जा सकती है.
वहीं दूसरी ओर बाबर मुगल साम्राज्य के प्रथम शासक थे. उनका जन्म उज्बेकिस्तान में हुआ था. वह तैमूर और चंगेज खान के वंशज थे. आपको बता दें कि पद्य शैली का जन्मदाता भी बाबर को ही माना जाता है. बाबर ने अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़े और फतेह भी हासिल की. 1526 में पानीपत में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी थी. बाबर ने अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़े 1527 में खानवा, 1528 में चंदेरी पर, 1529 में घग्गर पर फतेह हासिल की. 1530 ईसवी में बाबर की मृत्यु हो गई.
कहा जाता है कि बावर बहुत ही शक्तिशाली व्यक्ति थे. वह व्यायाम करते समय दो लोगों को अपने कंधों पर लादकर दौड़ा करते थे. प्राचीन इतिहास की माने तो राह में आने वाली सारी नदियों को बाबर तैरकर पार किया करते थे. कहा जाता है कि भारत की विजय के दौरान बाबर ने कबीले के प्रत्येक मूल निवासी को एक चांदी का सिक्का प्रदान किया था. उनकी दरियादिली को देखकर उन्हें “कलंदर” की उपाधि भी दी गई थी. जब उन्होंने खानवा का युद्ध जीता था तो बाबर को “गाजी” की उपाधि से नवाजा गया था.
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