आगरा के ताजमहल को तो आप सभी जानते होंगे लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आगरा को कभी मुगलों की राजधानी भी कहा जाता था. साल 1526 में जो पानीपत का युद्ध हुआ था उसे मुगलों ने जीत लिया था. जीतने के बाद उन्होंने रहने के लिए यमुना पार का इलाका चुना था. जीतने की खुशी में मुगल शासक बाबर ने बाग ए गुल अफ्शां बनवाया था. इसे चारबाग पद्धति पर बनवाया गया था. भारत में मुगलों द्वारा बनवाए गए सर्वश्रेष्ठ उद्यानों में से एक है. 1857 तक ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन काल था. तब इसे आरामगाह के रूप में प्रयोग किया जाता था. और आज यह रामबाग के नाम से भी जाना जाता है.
चारबाग पद्धति पर बना था यह बाग
एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार रामबाग के किनारे कल्चरल नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है. इसमें साफ लिखा है कि बाबर ने इस उद्यान को आराम के लिए बनवाया था. पहले इसे आराम बाग कहा जाता था. 1526 में पानीपत का युद्ध जीतने के बाद मुगल शासन काल में इसे बनाया गया था. इसमें गर्मी से बचने के लिए तलघर भी बनवाया गया था.
इतना ही नहीं जब जहांगीर का शासनकाल आया तो उन्होंने इस बाग का पुनर्निर्माण भी कराया था. उस समय अंग्रेजों को भी यह बाग बहुत पसंद था. इस बाग में सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं. विदेशी इस बाग को गेस्ट हाउस के रूप में प्रयोग करते थे.
बहुत अलग तरीके से बनाया गया है यह बाग
ऐसा माना जाता है कि ऐसे उद्यान सिर्फ समरकंद में देखे जा सकते थे. आगरा में गर्मी ज्यादा पडने से उन्होंने एक तरकीब निकाली, गर्मी से निजात पाने के लिए उन्होंने तलघर के साथ-साथ नीचे जल प्रणाली भी बनवायी थीं.
ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में अंग्रेजों ने इसकी मरम्मत कराकर इसे आरामग्रह बना दिया. मुगल शासन काल में लगे हुए उद्यानों में से यह सबसे पहला उद्यान था. ऐसा माना जाता है इस बाग में हर सुविधा उपलब्ध थी. जल प्रणालियां, तालाब, ताल घर सभी इस बाग से सम्बध्द थे. रामबाग केवल एक छोटी सी वाटिका ही नहीं बल्कि 2 सदियों से अधिक की मेहनत भी है.
Also Read
करीना कपूर की इस हमशक्ल को देख सैफ भी रह गये हैरान, लगती है जुड़वां बहन