90 के दशक की बला की खूबसूरत इस अभिनेत्री ने अचानक ही बॉलीवुड से दूरी बना ली. लेकिन उनकी फिल्म ‘होगी प्यार की जीत’ ने उनको रातों रात स्टार बना दिया था. जी हां! हम बात कर रहे हैं मयूरी कांगो की, जिन्हें “होगी प्यार की जीत” में लीड रोल ऑफर किया गया था. आखिरी बार मयूरी कांगो को 2000 में आई तेलुगु फिल्म ‘वामसी’ में देखा गया था.
मयूरी कांगो
सूत्रों के मुताबिक ‘वामसी’ के बाद मयूरी ना तो किसी बॉलीवुड पार्टी में दिखीं और न ही किसी सेलिब्रिटी के फंक्शन में, दरअसल मयूरी ने बॉलीवुड को पूरी तरह से छोड़ कर जॉब कर रही हैं. मयूरी गुरुग्राम की एक कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर की पोस्ट पर कार्यरत हैं.
मयूरी की फ़िल्में
मयूरी ने कई फ़िल्में की थीं लेकिन ‘पापा कहते हैं’ और ‘होगी प्यार की जीत’ केवल यही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं. बड़े पर्दे पर एक के बाद एक असफ़लता मिलने पर मयूरी ने छोटे पर्दे पर काम करना शुरू कर दिया. फिर उन्होंने कुछ डेली सोप किए जैसे – नरगिस (2000), थोड़ा गम थोड़ी खुशी (2001), डॉलर बाबू (2001) और किट्टी पार्टी जिसका टेलीकॉस्ट साल 2002 में हुआ था. हालांकि यहां भी ज्यादा सफलता उनके हाथ नहीं लगी थी.
फ़िल्मों और सीरिअल्स में लगातार असफलताएं मिलने की वज़ह से मयूरी ने ऐक्टिंग करिअर छोड़ने का फैसला ले लिया. दिसंबर 2003 में मयूरी ने एनआरआई आदित्य ढिल्लन से शादी कर ली थी. मयूरी और आदित्य दोनों ही अच्छे दोस्त थे. इनकी मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए एक पार्टी में हुई थी.
शादी के बाद मयूरी अपने पति के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गईं थीं जहां से उन्होंने मार्केटिंग और फाइनेंस में एमबीए की डिग्री हांसिल की. फिर 2004 से 2012 तक उन्होंने अमेरिका की एक नामी कंपनी में नौकरी भी की थी. साल 2011 में मयूरी ने एक क्यूट से बेटे को जन्म दिया, जानकारी के लिए बता दें कि मयूरी के ससुराल वाले भारत के हैं इसलिए मयूरी 2013 में भारत वापस आ गईं. मीडिया के मुताबिक, अब मयूरी अपनी पूरी फॅमिली के साथ भारत में ही रहेंगी.
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