विरखडी, मध्यप्रदेश : भारत में गांव की स्थिति तो आप सभी ने देखी होगी. भारत के गांव यहां के शहरों के मुकाबले छोटे जरूर हैं लेकिन प्रकृति का असल सौंदर्य हमें गांव में ही देखने को मिलता है. जहां एक ओर आंखों को सुकून देने वाली हरियाली है वहीं दूसरी ओर गरीबी, अशिक्षा, गंदगी यह सारी चीजें भी गांव में देखने को मिलती हैं. बिजली और पानी का अभाव भी इसका अहम हिस्सा है. लेकिन मध्यप्रदेश के इस गांव को विकसित गांव की श्रेणी में रखा जाता है.

विरखडी है आर्थिक रूप से मजबूत
दुर्भाग्य की बात तो यह है कि मध्य प्रदेश के भिंड जिले के विरखडी को आदर्श गांव का दर्जा अब तक नहीं मिल पाया है. लेकिन यहां की सुविधाओं ने लोगों को काफी प्रभावित किया है. विरखडी में 6000 की आबादी पर 50 इंजीनियर, 100 शिक्षक तथा 40 डॉक्टर हैं जो अपना कार्य पूरी मेहनत के साथ करते है.
इस गांव के आर्थिक रूप से मजबूत होने का कारण यही है कि विरखडी गांव के लोग इतने शिक्षित हैं कि उन्होंने स्वच्छता अभियान से पहले ही अपने घरों में शौचालय बनवा लिए थे. इस गांव में 4 बड़े-बड़े तालाब भी खुदवाए गए, जिससे गांव में पानी की समस्या से लोगों को न जूझना पड़े. लोगों के आने जाने के लिए काफी चौड़ी सड़कें भी बनाई गई हैं. सड़कों के किनारे में नाले को दिए गए हैं जिससे पानी की निकासी आराम से हो सके.
गांव में है शहर जैसी सुविधाएं
कहा जाता है यह गांव धनी व्यक्तियों वाला गांव था. आजादी से पहले भी इसमें कई लोग रहा करते थे. लेकिन जैसे-जैसे लोगों को शिक्षित करना शुरू किया गया, वैसे वैसे गांव का विकास होता गया. इस गांव की खास बात यह है कि यहां बच्चे और बच्चियों में पढ़ने को लेकर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है.
जहां एक ओर लोग जातियों के भेदभाव को लेकर आपस में लड़ने को तैयार रहते हैं, वहीं इस गांव में कई जाति के लोग निवास करते हैं जो आपस में भाईचारे और प्रेम के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं. सीधी भाषा में कह सकते हैं कि इस गांव के लोग शहर जैसी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.
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