बॉलीवुड ने मानवों और कुत्ते के बीच प्रेम को कुछ इस तरह से पर्दे पर दिखाया कि देखने वालो की आँखे भर आई

बॉलीवुड की कई फिल्मों कई बार आश्चर्यजनक पशु प्रेम देखने को मिलाता है, हाल ही में कन्नड़ अभिनेता रक्षित शेट्टी की 777 चार्ली रिलीज हुई है। इस फ़िल्म की जमकर तारीफ हो रही है और कमाई भी खूब हो रही है। फ़िल्म में पालतू कुत्ते और हीरो के बीच अद्भुत संबंध को दिखाया गया है। लोग फ़िल्म को देखकर खूब इमोशनल हो रहे हैं। आइए उन बॉलीवुड फिल्मों की चर्चा करते हैं जिसमें कुत्ते और मानव के बीच के प्रेम को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था।

1. तेरी मेहरबानियाँ (1985)

शब्बीर कुमार की आवाज़ ने इस फ़िल्म के टाइटल सांग को एक अलग पहचान दी। कुछ वर्ष पूर्व रिलीज हुई अनुराग कश्यप की फ़िल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने इस गाने की लोकप्रियता और बढ़ा दी थी। तेरी मेहरबानिया में जैकी श्रॉफ और पूनम ढिल्लों प्रमुख किरदार में थे। डॉग ब्राऊनी का नाम फ़िल्म में ‘मोती’ था। कहानी के अनुसार जैकी के किरदार को मार दिया जाता है और वफादार मोती सब गुंडों से बदला लेता है।

यह 1984 में आई कन्नड़ फ़िल्म ‘थलिया भाग्य’ का रीमेक थी। इसी फिल्म के निर्देशक विजय रेड्डी ने ही हिंदी वर्जन का निर्देशन किया था। फ़िल्म में अमरीश पुरी, असरानी और सदाशिव विलन के रूप में थे। राज किरण, गोपी की भूमिका में थे। इस फ़िल्म ने लोगों को इमोशनल कर दिया था। कई डॉग लवर्स आज भी इस फ़िल्म को बेहद पसंद करते हैं और देखकर भावुक हो जाते हैं।

2. बोल राधा बोल (1992)

डेविड धवन निर्देशित इस फ़िल्म में ऋषि कपूर ने डबल रोल किया था। फ़िल्म में दिखाया गया कि कैसे एक पालत पशु अपने मालिक को कभी नही भूल पाते और उन्हें पहचान लेते हैं। इस फ़िल्म में भी कुत्ते का नाम मोती ही था।

फ़िल्म में डॉग को जबरदस्त तरीके से ट्रेन किया गया था। ऋषि कपूर के प्रति मोती की ईमानदारी और वफादारी देखकर कई दर्शक रो पड़े थे।

3. माँ (1991)

इस फ़िल्म में जया प्रदा को मार दिया जाता है। जया प्रदा की आत्मा को कुत्ते डाबी (Dobby) के सिवाय कोई नही देख पाता। फ़िल्म की नायिका कुत्ते के सहारे अपने बच्चे की हिफाज़त करती और दुश्मनों से बदला भी लेती है। यह फ़िल्म एक माँ की कहानी कहती है जिसकी सहायता वफादार डाबी करता है। फ़िल्म के निर्माता ग़दर के डायरेक्टर अनिल शर्मा थे और निर्देशक थे अजय कश्यप। फ़िल्म में जीतेन्द्र के ऊपर फिल्माया गया गाना ‘आईने के सौ टुकड़े’ को कुमार सानू ने अपनी आवाज़ दी थी। यह गाना सदाबहार बन चुका है।

4. चिल्लर पार्टी (2011)

इस फ़िल्म को दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी ने विकास बहल के साथ मिलकर लिखा था और निर्देशन भी किया था। यह फ़िल्म मुम्बई के एक सोसाइटी की कहानी है जहां के बच्चे एक अनाथ बच्चे ‘फटका’ को अपना दोस्त बनाते हैं। फटका के साथ उसका दोस्त है ‘भिड़ू’, जोकि एक कुत्ता है। फ़िल्म में एक नेता भिड़ू सहित अन्य गली के कुत्तों को जबरदस्ती कैद करने की कोशिश करता है। सारे बच्चे मिलकर भिड़ू को बचाने में लग जाते हैं। इस फ़िल्म को सलमान खान ने प्रोड्यूस किया था जिसे बेस्ट चिल्ड्रन फ़िल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया था।

5. इट्स एंटरटेनमेंट (2014)

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार ने वफ़ादार पशुओं की फौज खड़ी कर दी थी।

इस कॉमेडी फिल्म में एंटरटेनमेंट नामक कुत्ते को अक्षय जान सहित मारकर संपत्ति हासिल करने की कोशिश करते हैं। फ़िल्म के क्लाइमेक्स में अक्षय को बचाने के लिए एंटरटेनमेंट बंदूक से निकली गोली अपने शरीर से रोक लेता है। इस फ़िल्म के कई सीन देखकर डॉग लवर्स भावुक हो उठे थे। इस फ़िल्म को साजिद-फरहाद ने डायरेक्ट किया था.

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Muskan Baslas
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