मोना डार्लिंग : 70- 80 के दशक में अपने दम पर अपनी पहचान बनाने वाली बिंदु, नकारात्मक भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री थी. वह 80 के दशक की सबसे टॉप की खलनायिका मानी जाती थीं. मुंबई आने के बाद उन्होंने कई जगह ऑडिशन भी दिए लेकिन कहीं भी उन्हें हिरोइन का रोल ऑफर नहीं किया गया. हार मानकर उन्होंने नकारात्मक भूमिका यानी वैम्प के किरदार को पर्दे पर निभाना शुरू किया, और देखते ही देखते बिंदु ने अपनी अलग पहचान बना ली थी.
मोना डार्लिंग के रोल ने बदल दी उनकी जिंदगी
फ़िल्मों में बिंदु ने कई रोल किए “मोना डार्लिंग” हर किरदार निभाने में अपनी पूरी जान डाल देती थीं. लेकिन हुआ यूं कि पर्दे पर खलनायिका का किरदार निभाते-निभाते बिंदु लोगों के शक के घेरे में आने लगीं. लोग उनकी रील लाइफ को उनकी असली लाइफ से जोड़ने लगे थे. एक वक़्त ऐसा भी आया कि बिंदु को लोग घर तोड़ने वाली महिला के रूप में देखते थे. भले ही बिंदु ने ऐसे किरदार निभाए लेकिन उनकी ऐक्टिंग के काफी दीवाने थे.
रील लाइफ बनी रियल लाइफ की दुश्मन

एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री ने कुछ बातों का खुलासा किया था कि वो जब भी कोई फिल्म के प्रमोशन या पार्टी में जाती थीं. उनके रिश्तेदारी की महिलाएं अपने पतियों को छुपा लेती थी या फिर अपने पतियों को दूर लेकर चली जाती थीं. बिंदु ने बताया कि कैसे एक वैम्प की छवि ने उनकी निजी जिंदगी पर गहरा असर डाला था.
आखिर में बिंदु ने यह भी कहा कि लोग बदल गए हैं. वक़्त के साथ उनकी सोच भी बदली है. अब लोग रील लाइफ को पर्सनल लाइफ से नहीं जोड़ते हैं. बिंदु को औरत 1962, हम आपके है कौन 1994, अमर प्रेम 1971, मेरे जीवनसाथी 1972, ओम शान्ति ओम 2007 जैसी हीट फिल्मों के लिए जाना जाता है. आखिर बार उन्हें 2008 में आई फिल्म महबूबा में देखा गया था.
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